Wednesday, 26 October 2011

गुरुदेव कृपालु कृपा अस कर।
प्रणमामि अहर्निश श्री चरणम्॥
मकरंद मिलिंद सुधा रस धन।
हों अनन्य बनी सुमिरु नित्यम्॥

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